बाज़ी बाकी, रोना है क्या ?
तेरे पास खिलौना है क्या?
उसका चेहरा हीरा मोती
क्या चांदी और सोना है क्या?
कत्थई आँखें , बादल ज़ुल्फ़ें
नज़रें जादू टोना है क्या?
हम तो अंधे खुली आँख के
आगे जाने होना है क्या ?
प्यार नहीं है बिज़नेस प्यारे
इसमें पाना खोना है क्या ?
उसके दिल का कमरा 'बुक' है
पर छोटा कोई 'कोना' है क्या ?
Sunday, December 21, 2008
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सुंदर !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया, बधाई
ReplyDeleteउसके दिल का कमरा 'बुक' है
ReplyDeleteपर छोटा कोई 'कोना' है क्या ?
बहुत खूब, कम शब्दों में बेहतरीन प्रस्तुति.....
सचमुच दिल को छूने के काबिल |||
साधुवाद और स्वागत...
सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें
ReplyDeleteखूब लिखें,अच्छा लिखें
आपका स्वागत, लिखते रहें
ReplyDeleteहम तो अंधे खुली आँख के
ReplyDeleteआगे जाने होना है क्या ?
.. आपका हार्दिक स्वागत है मेरे ब्लॉग पर भी तशरीफ़ लायें
लाज़बाब बेहतरीन अद्भुत सुब्दर वाह बधाई स्वीकार करें
प्यार नहीं है बिज़नेस प्यारे
ReplyDeleteइसमें पाना खोना है क्या ?
Khub likha hai aapne, Swagat blog parivar aur mere blog par bhi.
महज़ अलफाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता
ReplyDeleteकोई पेशा ,कोई व्यवसाय नही है कविता ।
कविता शौक से भी लिखने का काम नहीं
इतनी सस्ती भी नहीं , इतनी बेदाम नहीं ।
कविता इंसान के ह्रदय का उच्छ्वास है,
मन की भीनी उमंग , मानवीय अहसास है ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नही हैं कविता
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
कभी भी कविता विषय की मोहताज़ नहीं
नयन नीर है कविता, राग -साज़ भी नहीं ।
कभी कविता किसी अल्हड yauvan का नाज़ है
कभी दुःख से भरी ह्रदय की आवाज है
कभी धड़कन तो कभी लहू की रवानी है
कभी रोटी की , कभी भूख की कहानी है ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता,
कोई पेशा , कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
मुफलिस ज़िस्म का उघडा बदन है कभी
बेकफन लाश पर चदता हुआ कफ़न है कभी ।
बेबस इंसान का भीगा हुआ नयन है कभी,
सर्दीली रात में ठिठुरता हुआ तन है कभी ।
कविता बहती हुई आंखों में चिपका पीप है ,
कविता दूर नहीं कहीं, इंसान के समीप हैं ।
महज़ अल्फाज़ से खिलवाड़ नहीं है कविता,
कोई पेशा, कोई व्यवसाय नहीं है कविता ॥
KAVI DEEPAK SHARMA
http://www.kavideepaksharma.co.in
http://Shayardeepaksharma.blogspot.com
Posted by Kavyadhara Team
All right reserved@Kavi Deepak Sharma
हिन्दी चिठ्ठाविश्व में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, ताकि टिप्पणी देने में कोई बाधा न हो.… धन्यवाद।
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