ख़्वाब जा सोया लचकती डाल पर है
हंसता कालीदास मेरे हाल पर है ॥
दिन हवाले नौकरी के; और जिम्मा
रात का; उस बेसुरे कव्वाल पर है ॥
अर्जियां ले दिल निकम्मा फ़िर रहा है
बेख़बर है; इश्क फिर हड़ताल पर है ॥
जायेगा ये ऊँट कि रानी कटेगी
फ़ैसला बाज़ी की अगली चाल पर है ॥
आओ हम तुम साथ में गंगा नहा लें
सुनते हैं ये कुम्भ बारह साल पर है ॥
Thursday, November 5, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Too good..
ReplyDeleteDear Mr Vishal
ReplyDeleteYou always surprise me to the extent that it's no more surprise as all..carving a niche in ur own way.
Again a gem without any doubt..
the way you correlate some hackneyed metaphors with the stuffs we witness in our everyday life without noticing is what makes you what you are..khvaab on signals, chandni on playing cards, ishq on hadtaal..many..
None on the sher' is less than superb in this impeccable ghazal..and this is like diamond in crown..
अर्जियां ले दिल निकम्मा फ़िर रहा है
बेख़बर है; इश्क फिर हड़ताल पर है ॥
Salute to an awesome writing!!!
जायेगा ये ऊँट कि रानी कटेगी
ReplyDeleteफ़ैसला बाज़ी की अगली चाल पर है ॥
आओ हम तुम साथ में गंगा नहा लें
सुनते हैं ये कुम्भ बारह साल पर है ॥
bhai behatareen /lajawaab.
take a bow .. take a bow...
ReplyDeleteख़्वाब जा सोया लचकती डाल पर है
हंसता कालीदास मेरे हाल पर है ॥
... just hats off.. am in awe!!
अर्जियां ले दिल निकम्मा फ़िर रहा है
ReplyDeleteबेख़बर है; इश्क फिर हड़ताल पर है ॥
Superb as usual!
this one is really funny .. one of my favourites . is dard main bahut bat hai.. something tels me only dard and fun can be best companions .. sirf do dard wale dil kabhi nahin milte and only fun kabhi nahin milte, this couplet achieves just the right mix, mite be i am over commenting , where fun and durd meets ... u have a brilliant composition .. universe shifts..
ReplyDeleteThanks so much for the appreciation...
ReplyDelete@Anonymous::: Your comment reminds of the immortal lines of Shri Harivansh Rai Bachchan ---
Dard Nasha hai Is Madira Ka; Vigat Smritiyaan Saaqi Hain / Peera mein Anand Jise ho, Aaye Meri MADHUSHALA //
आओ हम तुम साथ में गंगा नहा लें
ReplyDeleteसुनते हैं ये कुम्भ बारह साल पर है .....
बहुत ही kamaal का है ye sher ........ khoobsoorat है gazal
wow!ख़्वाब जा सोया लचकती डाल पर है....take care..gir na jaye kahi...
ReplyDeleteअर्जियां ले दिल निकम्मा फ़िर रहा है
बेख़बर है; इश्क फिर हड़ताल पर है ॥awesome...bechara dil....
bahut khoob, ishq ho hadtaal per to aur gahra ho jata hai.
ReplyDelete