हार कब वो हार थी ग़र ले किसी का ग़म चले तो..
जीत भी वो हार थी जो ख़ुद से नज़रें ना मिले तो..
ज़िन्दगी के साज़ पर जब ख़त्म हों ये सिलसिले तो..
हार थी या जीत ज्यादा; आंकड़ों को जोड़ लूं मैं
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं
अनकहे लफ़्ज़ों को एक आवाज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनसुने गीतों को अपने राज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनमने शब् को नया आग़ाज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनधुली माज़ी की चादर आख़िरी दम ओढ़ लूं मैं
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं.....
Sunday, February 28, 2010
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हार कब वो हार थी ग़र ले किसी का ग़म चले तो..
ReplyDeleteजीत भी वो हार थी जो ख़ुद से नज़रें ना मिले तो..
ज़िन्दगी के साज़ पर जब ख़त्म हों ये सिलसिले तो..
हार थी या जीत ज्यादा; आंकड़ों को जोड़ लूं मैं
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं
लाजवाब अद्भुत सुन्दर रचना। बधाई । होली की हार्दिक शुभकामनायें
bahut sunder.
ReplyDeletebahot khub likha aap ne
ReplyDeleteaap ko holi ki subh kamna
very beautiful and intense
ReplyDeleteलाजवाब !! बहुत सुन्दर रचना.......
ReplyDeleteअनकहे लफ़्ज़ों को एक आवाज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनसुने गीतों को अपने राज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनमने शब् को नया आग़ाज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनधुली माज़ी की चादर आख़िरी दम ओढ़ लूं मैं
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं
हार कब वो हार थी ग़र ले किसी का ग़म चले तो..
ReplyDeleteजीत भी वो हार थी जो ख़ुद से नज़रें ना मिले तो.
बहुत ख़ूब ,सुबहान अल्लाह
bahut badhiya likha aapne Aapko Hum Sabhi dosto <Neeraj , Bittu ,Aman, Rajvinder , Tajinder , Pawan , Monika , Jassi , Mannu , v samast Hartron Center Ki Taraf Se Nav Varsh Ki Hardik Shubh kaamnaaye Happy New Year 2012
ReplyDeleteJai Ho Dancing Machine ki