वक़्त की क़ैद में; ज़िन्दगी है मगर... चन्द घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं....

Sunday, February 28, 2010

और लम्हें तोड़ लूं मैं.....

हार कब वो हार थी ग़र ले किसी का ग़म चले तो..
जीत भी वो हार थी जो ख़ुद से नज़रें ना मिले तो..
ज़िन्दगी के साज़ पर जब ख़त्म हों ये सिलसिले तो..
हार थी या जीत ज्यादा; आंकड़ों को जोड़ लूं मैं
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं

अनकहे लफ़्ज़ों को एक आवाज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनसुने गीतों को अपने राज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनमने शब् को नया आग़ाज़ दे दूं आख़िरी दम..
अनधुली माज़ी की चादर आख़िरी दम ओढ़ लूं मैं 
वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं 

वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं..... 

7 comments:

  1. हार कब वो हार थी ग़र ले किसी का ग़म चले तो..
    जीत भी वो हार थी जो ख़ुद से नज़रें ना मिले तो..
    ज़िन्दगी के साज़ पर जब ख़त्म हों ये सिलसिले तो..
    हार थी या जीत ज्यादा; आंकड़ों को जोड़ लूं मैं
    वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं
    लाजवाब अद्भुत सुन्दर रचना। बधाई । होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  2. bahot khub likha aap ne
    aap ko holi ki subh kamna

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  3. लाजवाब !! बहुत सुन्दर रचना.......

    अनकहे लफ़्ज़ों को एक आवाज़ दे दूं आख़िरी दम..
    अनसुने गीतों को अपने राज़ दे दूं आख़िरी दम..
    अनमने शब् को नया आग़ाज़ दे दूं आख़िरी दम..
    अनधुली माज़ी की चादर आख़िरी दम ओढ़ लूं मैं
    वक़्त की शाखों से थोड़े और लम्हें तोड़ लूं मैं

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  4. हार कब वो हार थी ग़र ले किसी का ग़म चले तो..
    जीत भी वो हार थी जो ख़ुद से नज़रें ना मिले तो.

    बहुत ख़ूब ,सुबहान अल्लाह

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  5. bahut badhiya likha aapne Aapko Hum Sabhi dosto <Neeraj , Bittu ,Aman, Rajvinder , Tajinder , Pawan , Monika , Jassi , Mannu , v samast Hartron Center Ki Taraf Se Nav Varsh Ki Hardik Shubh kaamnaaye Happy New Year 2012

    Jai Ho Dancing Machine ki

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