बहरे सारे लाइन लगा कर बैठ गए
शायद अँधा गीता पढने वाला है।
गूंगे देखो चीख रहे हैं साहिल पर
'दरिया का पानी ऊपर बढ़ने वाला है'। मैखाने में देख के 'मुल्ला' साकी सोचेभोर भये; क्या रूप ये गढ़ने वाला है ! ये तूफ़ान से पहले का सन्नाटा हैफिर कोई इसू सूली चढ़ने वाला है।
बहुत अच्छे।
ReplyDeleteFABITY FABITY FAB>>>>>>>>
ReplyDeleteAmazing !!!!
ReplyDeleteRicha