वक़्त की क़ैद में; ज़िन्दगी है मगर... चन्द घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं....

Sunday, February 1, 2009

आओ रात को पागल कर दें....

एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें

रात शुरू तो बात शुरू
'याहू' और 'गूगल' साथ शुरू
फिर 'मेल' शुरू और खेल शुरू
भूले बिसरे जज़्बात शुरू

टिपटिप टकटक 'चैट' पे बातें
सरगोशी से 'फ्लैट' पे बातें
क्या खाया तुम कहाँ थे दिन भर
बेतुकी 'दिस दैट' की बातें

रेत खेत माझी की बातें
'फ्यूचर' और 'माज़ी' की बातें
नग्में, सोहरे, क्लासिक, लोरी
'अम्मी' और 'माँ जी' की बातें

बैठ के बातें; सो के बातें
हंस के बातें; रो के बातें
सरपट सरपट दौडी बातें
क्यों रोके क्यों रोके बातें ?

बात बहारें; बात फुहारें
बात बुलाएं; बात पुकारें
बात में शबनम; बात में खुशबू
बात रुलाएं; बात दुलारें

बात में सावन; बात में बरखा
आओ बात को बादल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें



तीखी खट्टी इमली जैसी
चार सौ चालीस बिजली जैसी
रंग बिरंगी फुदक रही है
देखो बातें तितली जैसी

घंटी की टनटन सी बातें
चूडी की खनखन सी बातें
धकधकधकधक धकधकधकधक
है चलती धड़कन सी बातें

लैला मजनू हीर की बातें
गालिब फैज़-ओ-मीर की बातें
कुछ छोटे किस्से 'ऑफिस' के
कुछ फूटी तकदीर की बातें

जेवर वाली; तेवर वाली
शक्कर मिसरी घेवर वाली
चुटकी लेती अल्हड़ बातें
मानों भाभी देवर वाली

कुछ उजली कुछ काली बातें
लगती मीठी गाली बातें
चाँद सड़क से डांट रहा है
'बातें बातें खाली बातें'

कान पकड़ लें चाँद का आओ
तारों में हम हलचल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें




शाम की बातें; जाम की बातें
शहर में बढ़ते दाम की बातें
थोड़ी काली मिर्च छिड़क कर
उस काफिर गुमनाम की बातें

रांची और रतलाम की बातें
'क्या होगा अंजाम' की बातें
हौले से वो आहें भर के
उस शायर बदनाम की बातें

धुंधली सी कोई शाम की बातें
ढेरों ऐश-ओ-आराम की बातें
धूप से आकर पानी क्यों पी ?
खांसी सरदर्द जुकाम की बातें

महुआ, सरसों, आम की बातें
'बॉलीवुड' 'खैय्याम' की बातें
बगिया, जामुन, 'सिस्टम', रिश्ते
और कुछ कुछ फिर काम की बातें

राधा, मीरा, श्याम की बातें
मिथिला, सीता राम की बातें
इस बक बक में तीरथ; इन
बातों में चारों धाम की बातें

बात को काबा; बात को कासी
बात को इस गंगाजल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें



कपड़े, शौपिंग, खर्च की बातें
याहू, गूगल सर्च की बातें
चुगली, शिकवा, तंज़-ओ-नखरे
मैखाने और चर्च की बातें

गहरी बातें; सस्ती बातें
चूर नशे में मस्ती बातें
इठलाती शर्माती पगली
गौर से देखो; हंसती बातें

सूनापन, आकाश की बातें
चलती जाए काश के बातें
बकबकबकबक बकबकबकबक
बक झक और बकवास की बातें

'ह्यूमर' कुछ जज़्बात की बातें
जज़्बात से निकली बात की बातें
दिल से बातें; दिल की बातें
दिन की बातें; रात की बातें

अब इन सौतन रातों का क्या
और इन रिश्ते नातों का क्या
छोड़ो बेकार की बातों को
बातें हैं; इन बातों का क्या !!!

पर बची खुची इन बातों से ही
अजड़ अमर ये कुछ पल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें


एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें

10 comments:

  1. मंदी की हो रही थी बातें
    प्रौपर्टी और करियर की बातें
    तभी 'पिंग' किया पागल ने
    और कर डाली बातों की बातें

    अब तुम पागल और हम भी पागल
    चलो किसी और को पागल कर दें...

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  2. क्या हुआ ? पेन में स्याही खतम हो गई या पागल को पागलखाने भेज दिया गया :)

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  3. रचना अच्छी है।

    पर बची खुची इन बातों से ही
    अजड़ अमर ये कुछ पल कर दें
    एक हम पागल एक तुम पागल
    आओ रात को पागल कर दें

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  4. पहली बार मुझे किसी रचना की तारीफ करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। भावनाएं ज्यादा हों और बात मन की हो जाए तो शब्द साथ छोड़ देते हैं।
    कह डाला है आज बहुत कुछ,
    कह डालीं हैं मन की बातें।
    ऐसा ही कुछ वो कहती थी,
    जब भी करती थी वो बातें।
    कभी आड़ी,कभी तिरछी-चौखानी,
    कभी गोल-गोल होती हैं बातें।

    बहुत बढ़िया लगी मुझे आपकी रचना.... खासकर यह पंक्तियां -
    कान पकड़ लें चाँद का आओ
    तारों में हम हलचल कर दें
    एक हम पागल एक तुम पागल
    आओ रात को पागल कर दें

    शाम की बातें; जाम की बातें
    शहर में बढ़ते दाम की बातें
    थोड़ी काली मिर्च छिड़क कर
    उस काफिर गुमनाम की बातें

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  5. कान पकड़ लें चाँद का आओ
    तारों में हम हलचल कर दें
    एक हम पागल एक तुम पागल
    आओ रात को पागल कर दें
    बहूत सुंदर रचना है.............जज्बातों से भरी

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  6. कुछ उजली कुछ काली बातें
    लगती मीठी गाली बातें
    चाँद सड़क से डांट रहा है
    'बातें बातें खाली बातें'

    कान पकड़ लें चाँद का आओ
    तारों में हम हलचल कर दें
    एक हम पागल एक तुम पागल
    आओ रात को पागल कर दें
    acchi lagin Vishal ji aapki baten....

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  7. शाम की बातें; जाम की बातें
    शहर में बढ़ते दाम की बातें
    थोड़ी काली मिर्च छिड़क कर
    उस काफिर गुमनाम की बातें

    मजा आ गया....पागलपन छा गया.....

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  8. Kya baat hain Vishal ji..aap to chaa gaye. It was really a nice one and the punch line "एक हम पागल एक तुम पागल, आओ रात को पागल कर दें " was really awesome. Keep it up and let me know whenever you post any new one. Cheers, Rupesh

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  9. or fir pichar ki hoon baatein
    heero or hiroin ki baatein
    achchi acting ki ho baatein
    gaano ki bhi hoti batein

    writer ki bhi hoti batein
    director ki bhi hoti batein
    achchi likkhi usne pichar
    buri banai usne pichar

    chalegi pichar nahi chalegi
    box office ki hoti batein
    baton mein hi chalti pichar
    baton mein hi pittati pichar

    pichar ka kya chal jayegi
    par chalti rehni chahiye batein
    pichar wala banda hu main
    isiliye karta sirf pichar ki batein

    anuj tyagi

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