वक़्त की क़ैद में; ज़िन्दगी है मगर... चन्द घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं....

Monday, February 8, 2010

ये परी कहाँ से आयी है....

अब्र* में आँखें मूँद कहीं
जो छिपी हुयी थी बूँद कहीं
अलसाई किरणों सी आ के 
धरती पे मुस्कायी है.... 
परी कहाँ से आयी है...
ये परी कहाँ से आयी है.... 



छोटी उंगली, बंद है मुट्ठी
टिमटिम आँखें प्यारी सी
झट देखे और झट सो जाए
चंचल राजदुलारी सी

जीभ निकाले, कनखी मारे
घूरे आते जाते को
अलग नज़रिया देते जाये
सारे रिश्ते नाते को

बड़े रुतों के बाद नयन में
'रुत झिलमिल' सी छायी है
परी कहाँ से आयी है...
ये परी कहाँ से आयी है....




मम्मी-पापा की आँखों में
ढूंढें एक कहानी को
सफ़र की सारी बात बताये
बगल में लेटी नानी को

खाना पीना मस्त रहा सब
किसी चीज़ की 'फ़ाइट'  नहीं
बस कमरा 'कंजस्टेड'  था और 
नौ महीने से 'लाइट' नहीं

सुन के ऐसी न्यारी बातें
नानी भी शरमाई है...
परी कहाँ से आयी है...
ये परी कहाँ से आयी है....




सीपी से  कोई  मोती निकला
दुआ की ख़ुशबू साथ लिये
डोली उतरी फ़लक से मानो
तारों की बारात लिये

काजल का एक टीका करके
चंदा माथा चूम रहा
जुगनू की लोरी सुन-सुन के
घर आंगन सब झूम रहा

वक़्त ने करवट बदला देखो
ख़ुशी ने ली अंगड़ाई है
परी कहाँ से आयी है
ये परी कहाँ से आयी है...

ये परी कहाँ से आयी है !!!


*अब्र = बादल

8 comments:

  1. इस नन्ही परी को ढेर सा दुलार और उसके सुरक्षित जीवन की बहुत शुभकामनायें ....!!

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  2. Bahut hi pyari si man ko lubhati rachana ke liye aapko dhanywad !!
    http://kavyamanjusha.blogspot.com/

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  3. muddaton ke baad itni pyari kawita suni .

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  4. bohat sunder,

    मम्मी-पापा की आँखों में
    ढूंढें एक कहानी को
    सफ़र की सारी बात बताये
    बगल में लेटी नानी को

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  5. waah huzur kya rachna likhi hai ek pal ke liye to aise laga jaise jannat ki sair kar li ho bahut bahut badhaai ho aapko

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