वक़्त की क़ैद में; ज़िन्दगी है मगर... चन्द घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं....

Saturday, February 21, 2009

सब हिसाब चाहिए....

धूप से रौनक; चमन से कुछ गुलाब चाहिए
चांदनी कम पड़ गयी है; आफताब चाहिए

सच, मोहब्बत, ख़्वाब अक्सर जीत जाते हैं
जिसमे ये बकवास ना हो; वो किताब चाहिए

बावफ़ा इस रात को कैसे अकेला छोड़ दें
सहर के होने तलक; 'साक़ी', शराब चाहिए

ऐ मेरी तक़दीर सुन, हर बार क्यों तेरी चलेगी
तू कभी फुर्सत से मिलना; सब हिसाब चाहिए

नोंच डाले ख़्वाब नाखुन कुछ तो अपने काम आये
क्यों शिकायत है तुझे और क्या जवाब चाहिए ?

Saturday, February 14, 2009

फिर से कर ले प्यार, चल बिंदास हो जा...


फिर से कर ले प्यार, चल बिंदास हो जा

फूल कुम्हलाये तो क्या; गीत मुरझाये तो क्या
पीर मोती बनके ये, आँख छलकाए तो क्या
सूजी पलकों को छुअन से गुदगुदाने
इस दफा भी मीत ना आए तो क्या
तुझको रोता देख बासंती हवा ने
छेड़ दी मल्हार; चल बिंदास हो जा
फिर से कर ले प्यार; चल बिंदास हो जा

घुट के यूँ मरना मना है, प्यार से डरना मना है
दर्द के सिक्कों को चुनके, जेब में भरना मना है
अधखुली इन खिड़कियों की सुन सदायें
ये भी कहतीं शोक अब करना मना है
माज़ी के गोदाम में कब तक चलेगा
क़र्ज़ का व्यापार, चल बिंदास हो जा
फिर से कर ले प्यार, चल बिंदास हो जा

खोल दे फिर दिल का दर, इक दफ़ा फिर इश्क कर
क्या पता 'कैक्टस' के पीछे छुप रहा हो गुलमोहर
जा गले मिल, इश्क का ये ईद है
फूल फिर महकेंगे कहता है सहर
उठ, नए कपड़े पहन, फिर सज रहा है
इश्क का बाज़ार, चल बिंदास हो जा
फिर से कर ले प्यार, चल बिंदास हो जा

फिर से कर ले प्यार, चल बिंदास हो जा....

Thursday, February 5, 2009

कोई तुझको बुला रहा है....


ताज़ा करके याद पुरानी; फिर से मुझको भुला रहा है
दिल है कि बच्चे की माफ़िक; ज़िद पर अपनी तुला रहा है

तुझे पता है, जब रोता है, ये बच्चा बेहद रोता है
फिर क्यों 'टॉफी' दिखा दिखा कर, तू बच्चे को रुला रहा है ?

आंखों को कसमें दी हैं; ना लडेंगी ये; ना लगेंगी ये
बेकार ही इन पत्थर आंखों को, लोरी गाकर सुला रहा है

हर्फ़ में तू हर लफ्ज़ में तू; हर शेर रदीफ़-ओ-बहर में तू
इन ग़ज़लों को गौर से पढ़; कोई तुझको बुला रहा है

उस बार भी तेरी मरज़ी थी; इस बार भी तेरी ही मरज़ी है
अपना दर तो खुला रहा था; अपना दर तो खुला रहा है...

Sunday, February 1, 2009

आओ रात को पागल कर दें....

एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें

रात शुरू तो बात शुरू
'याहू' और 'गूगल' साथ शुरू
फिर 'मेल' शुरू और खेल शुरू
भूले बिसरे जज़्बात शुरू

टिपटिप टकटक 'चैट' पे बातें
सरगोशी से 'फ्लैट' पे बातें
क्या खाया तुम कहाँ थे दिन भर
बेतुकी 'दिस दैट' की बातें

रेत खेत माझी की बातें
'फ्यूचर' और 'माज़ी' की बातें
नग्में, सोहरे, क्लासिक, लोरी
'अम्मी' और 'माँ जी' की बातें

बैठ के बातें; सो के बातें
हंस के बातें; रो के बातें
सरपट सरपट दौडी बातें
क्यों रोके क्यों रोके बातें ?

बात बहारें; बात फुहारें
बात बुलाएं; बात पुकारें
बात में शबनम; बात में खुशबू
बात रुलाएं; बात दुलारें

बात में सावन; बात में बरखा
आओ बात को बादल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें



तीखी खट्टी इमली जैसी
चार सौ चालीस बिजली जैसी
रंग बिरंगी फुदक रही है
देखो बातें तितली जैसी

घंटी की टनटन सी बातें
चूडी की खनखन सी बातें
धकधकधकधक धकधकधकधक
है चलती धड़कन सी बातें

लैला मजनू हीर की बातें
गालिब फैज़-ओ-मीर की बातें
कुछ छोटे किस्से 'ऑफिस' के
कुछ फूटी तकदीर की बातें

जेवर वाली; तेवर वाली
शक्कर मिसरी घेवर वाली
चुटकी लेती अल्हड़ बातें
मानों भाभी देवर वाली

कुछ उजली कुछ काली बातें
लगती मीठी गाली बातें
चाँद सड़क से डांट रहा है
'बातें बातें खाली बातें'

कान पकड़ लें चाँद का आओ
तारों में हम हलचल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें




शाम की बातें; जाम की बातें
शहर में बढ़ते दाम की बातें
थोड़ी काली मिर्च छिड़क कर
उस काफिर गुमनाम की बातें

रांची और रतलाम की बातें
'क्या होगा अंजाम' की बातें
हौले से वो आहें भर के
उस शायर बदनाम की बातें

धुंधली सी कोई शाम की बातें
ढेरों ऐश-ओ-आराम की बातें
धूप से आकर पानी क्यों पी ?
खांसी सरदर्द जुकाम की बातें

महुआ, सरसों, आम की बातें
'बॉलीवुड' 'खैय्याम' की बातें
बगिया, जामुन, 'सिस्टम', रिश्ते
और कुछ कुछ फिर काम की बातें

राधा, मीरा, श्याम की बातें
मिथिला, सीता राम की बातें
इस बक बक में तीरथ; इन
बातों में चारों धाम की बातें

बात को काबा; बात को कासी
बात को इस गंगाजल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें



कपड़े, शौपिंग, खर्च की बातें
याहू, गूगल सर्च की बातें
चुगली, शिकवा, तंज़-ओ-नखरे
मैखाने और चर्च की बातें

गहरी बातें; सस्ती बातें
चूर नशे में मस्ती बातें
इठलाती शर्माती पगली
गौर से देखो; हंसती बातें

सूनापन, आकाश की बातें
चलती जाए काश के बातें
बकबकबकबक बकबकबकबक
बक झक और बकवास की बातें

'ह्यूमर' कुछ जज़्बात की बातें
जज़्बात से निकली बात की बातें
दिल से बातें; दिल की बातें
दिन की बातें; रात की बातें

अब इन सौतन रातों का क्या
और इन रिश्ते नातों का क्या
छोड़ो बेकार की बातों को
बातें हैं; इन बातों का क्या !!!

पर बची खुची इन बातों से ही
अजड़ अमर ये कुछ पल कर दें
एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें


एक हम पागल एक तुम पागल
आओ रात को पागल कर दें