वक़्त की क़ैद में; ज़िन्दगी है मगर... चन्द घड़ियाँ यही हैं जो आज़ाद हैं....

Wednesday, June 24, 2009

अब चाँद तो लाना पड़ेगा ठाकुर...

पायल, गहने, झुमके, गजरे; सब जुर्माना पडेगा ठाकुर
फिर भी गुड़िया रूठी है, अब चाँद तो लाना पड़ेगा ठाकुर॥

हुस्न कटोरी, इश्क का चमचा; चख ली तूने ढेर शहद, क्या
रुत ने पलटी खायी है, अब नीम चबाना पड़ेगा ठाकुर॥

माना तेरी बगिया उजड़ी, माना तितली फुर्र उड़ बैठी
लेकिन उस कोयल की ख़ातिर, बाग़ लगाना पड़ेगा ठाकुर॥

कोई मीत नहीं, कोई प्रीत नहीं, साज़ों पे कोई संगीत नहीं
सावन बीता जाए है; मल्हार तो गाना पड़ेगा ठाकुर॥

जो होना था वो होना था, अब 'होनी' पे क्या रोना था
पर एक दिन तक़दीर पे भारी, एक दिवाना पड़ेगा ठाकुर॥

12 comments:

  1. waah ....thakur kya baaat kahi hai ...........ya kahe ki kya sher kahi hai ...............anokha

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  2. इतना बढ़िया काहे लिखे, अब तो ,
    तुमका हाथ कटवाना पडेगा ठाकुर...

    ई हाथ हमको दे दे ..ठाकुर..चलो छोडो...और लिखो...

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  3. वाह, ठाकुर को बड़े काम सौंप दिये.

    बढ़िया रचना!

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  4. बहुत ना इंसाफी है ठाकुर....एक ठाकुर और इतने काम....
    बहुत अच्छी लगी आपकी रचना...शब्द और प्रयोग दोनों पसंद आये...लिखते रहें...
    नीरज

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  5. बहुत ही ख़ूबसूरत अंदाज़ लिये हैं कविता ने

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  6. आपके ब्लॉग पर आकर अच्छी रचनाएं पढ कर अच्छा लगा।
    हुस्न कटोरी, इश्क का चमचा; चख ली तूने ढेर शहद, क्या
    रुत ने पलटी खायी है, अब नीम चबाना पड़ेगा ठाकुर॥

    बदलते हालात का सही सटीक व सामयिक खुलासा है साी गज़ल यह शे‘र तो वाकई....
    श्याम सखा‘श्याम

    ‘कौन पूछे है, लियाकत को यहाँ पर
    पेट भरना है तुझे तो तोड़ पत्थर’

    इस गज़ल को पूरा पढ़ने व अन्य गज़लो के लिये यहां पधारें
    http//:gazalkbahane.blogspot.com/ पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या
    http//:katha-kavita.blogspot.com/ पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें

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  7. बहुत बहुत बढ़िया रचना

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  8. rat ki kali pit dikhaye , son pari moohn phoolaye
    subah ki rani to katrayengi , bin to bajan padega thakur.
    honi ek rat ka bahana tha , use sanj sawere apnana tha
    dharti pe ghoi ka lagam nahin, pankh laga asman ud jana tha thakur.

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  9. Bahut Khoob...Itne buland khyaal toh us Thakur ke bhi nahi the....
    Ab to jag pe chchana padega thakur...lagey raho.
    Manzil bas aane hi waali hai...

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  10. bhai mere ko to chhor doooooooooooooo
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  11. Bahut achha sir app to bahut karib pahunch gaye pahle thakur ab aasha karta hoon singh pe bhi kuchh likhe.haaaaa...
    Pankaj

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