०विज्ञप्ति० लेखकगण कृपया ध्यान दें- देश की चर्चित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक त्रैमासिक पत्रिका ‘सरस्वती सुमन’ का आगामी एक अंक ‘मुक्तक विशेषांक’ होगा जिसके अतिथि संपादक होंगे सुपरिचित कवि जितेन्द्र ‘जौहर’। उक्त विशेषांक हेतु आपके विविधवर्णी (सामाजिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक, धार्मिक, शैक्षिक, देशभक्ति, पर्व-त्योहार, पर्यावरण, श्रृंगार, हास्य-व्यंग्य, आदि अन्यानेक विषयों/ भावों) पर केन्द्रित मुक्तक/रुबाई एवं तद्विषयक सारगर्भित एवं तथ्यपूर्ण आलेख सादर आमंत्रित हैं।
इस संग्रह का हिस्सा बनने के लिए न्यूनतम 10-12 और अधिकतम 20-22 मुक्तक भेजे जा सकते हैं।
लेखकों-कवियों के साथ ही, सुधी-शोधी पाठकगण भी ज्ञात / अज्ञात / सुज्ञात लेखकों के चर्चित अथवा भूले-बिसरे मुक्तक/रुबाइयात भेजकर ‘सरस्वती सुमन’ के इस दस्तावेजी ‘विशेषांक’ में सहभागी बन सकते हैं। प्रेषक का नाम ‘प्रस्तुतकर्त्ता’ के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। प्रेषक अपना पूरा नाम व पता (फोन नं. सहित) अवश्य लिखें।
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A poet and Dreamer by heart.... who incidentally works on Excel sheets to stay alive....
May be someday, my dreams will have madness strong enough to break free from this 'double life'... I have nothing more to say...
By the way, all the poems that you would find on this blog are my original compositions. The only reason why I have put them here is to save them from getting lost with each losing diary... Kisi Shayar ne kaha hai - "Hazaaron Sher mere so gaye Kaagaz ki kabron mein / Ajab MAA hoon koi bachcha mera zindaa nahiin rahta".... So, here I am, putting them all on this blog hoping that the "Virtual world is safer"....
Takhallus (Pen Name) --- KAAFIR
E Mail Id: vishalgaurav2@gmail.com
Mobile Number: 9702004599
बहुत बढिया!!
ReplyDeletebeauuuutiful!
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ReplyDeletebehtareen, chalo badloon se chand nikla to purre 40 din baad... kya chaliya sukha tha :)
ReplyDeleteबादलों का गुच्छा?
ReplyDeleteक्या बात है..!
लाजवाब भाई...वाह...
ReplyDeleteनीरज
wah..! very nice...
ReplyDeletepls visit my news blog for latest news...
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so beautiful!
ReplyDeleteGreat
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteजो लकीरें चंद बरसों से कहीं गुमराह थीं
वो लकीरें आज फिर मैं जोड़ लाया हूँ...
hum lakiren tod ke le aayenge ek din
बहुत उम्दा...गौरव भाई!
ReplyDelete०विज्ञप्ति०
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ReplyDeleteजितेन्द्र ‘जौहर’
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ReplyDeletebahut badiya.........
ReplyDeletebahaut khoob
ReplyDeleteवो लकीरें आज मौड़ लाया हूँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता
insaan lakeerey apney app ki banata hai wha
ReplyDeletebahut acche...maza aa gaya ..thx
ReplyDeleteHi I really liked your blog.
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beautiful sir
ReplyDeleteIt's great stuff. i enjoyed to read this blog. Each and every topic are excellent.
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